उत्तर प्रदेश सरकार ने CAA प्रदर्शनकारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज अपना जवाब दाखिल किया है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने संशोधित नागरिकता कानून CAA के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ़ जारी नोटिस को वापस ले लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अब तक की गई वसूली को लौटाने के भी आदेश दिए है। हालांकि कोर्ट ने यूपी सरकार को नए कानून के तहत कार्रवाई करने की आजादी दे दी है।
अपनी इस कार्रवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नए कानून ‘उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली अधिनियम’ के तहत कार्यवाही करने की आजादी दे दी है।इस कानून 31 अगस्त 2020 को अधिसूचित किया गया था। इस कानून के तहत उत्तर प्रदेश किसी भी निजी संपत्ति के नुकसान करने वालों से एक निश्चित जुर्माना वसूलने का अधिकार रखती है।
आपको बता दें कि बीते हफ्ते जस्टिस जय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने राज्य सरकार के कानून अधिकारी से पूछा था कि आप शिकायतकर्ता हो गए हो, आप साक्षी हो गए हो, आप अभियोजक बन गए हैं और फिर आप ही लोगों की संपत्तियां कुर्क करते हैं। क्या किसी कानून के तहत इसकी अनुमति है? इससे पहले के एक ऐसे ही मामले में शीर्ष अदालत ने 2009 में नुकसान का आकलन करने और दोषियों की पहचान के लिए हाई कोर्ट के वर्तमान या रिटायर्ड जज को क्लेम कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था।
UP govt tells SC that all show-cause notices have been withdrawn against anti-CAA protesters
— ANI (@ANI) February 18, 2022
Apex court was hearing a plea seeking quashing of the recovery notices issued by UP admin to recover damage caused to public properties in connection with protests against CAA pic.twitter.com/6qOJcDAjF7
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया था। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने जबाव देते हुए कहा था कि इस नुकसान की भरपाई के लिए कथित प्रदर्शनकारियों को नोटिस भेजे गए थे। इस मामले में यूपी सरकार की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कोर्ट को बताया था कि राज्य में 833 दंगाइयों के खिलाफ 106 प्राथमिकियां भी दर्ज की गई थी। इस दौरान राज्य सरकार ने दंगाईयों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उनकी फोटो को सार्वजिनक स्थानों पर पोस्टर के रूप में लगाया था। वहीं सरकार ने नुकसान की भरपाइ के लिए नोटिस भी दंगाईयों को जारी किया था।