देश में कोरोना की साथ साथ सत्ता में बैठे लोगों की भाषा का स्तर की जिसे जा रहा है। देश के दो बड़े राज्य, राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सोशल मीडिया पर भाषा देख लगता है मानो कोई छोटे बच्चे एक दूसरे से लड़ रहे हो। इन ट्वीट्स देख ये सवाल उठता है कि जब राज्य के मुख्यमंत्रियो ये हाल है तो आम लोगों से क्या ही उम्मीद की जा सकती है।
उत्तर प्रदेश में चुनावी मौहाल दिनों दिन गरमाता जा रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरिवाल के बीच की बहस ट्विटर पर वायरल हो गई। दोनों मुख्यमंत्रियों की भाषा और शब्दों के चयन की जमकर आलोचना हो रही है। दरअसल, पीएम मोदी मे अपने भाषण में केजरीवाल सरकार पर हमला बोला था। इसके बाद केजलीवाल ने पीएम मोदी के संसद में दिए भाषण के बाद उन्हें झूठा बताया था।
यूपी और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के बीच उस वक्त तल्ख बहस देखने को मिली जब योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सुनो केजरीवाल, जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया। छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया आपको मानवताद्रोही कहें या…’
सुनो केजरीवाल,
जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया।
छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया।
आपको मानवताद्रोही कहें या…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 7, 2022
ऐसे में अरविंद केजरीवाल भी कहा पीछे रहने वाले थे, यूपी के सीएम द्वारा ट्विटर पर निशाना साधे जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी चुप नहीं बैठे, उन्होंने भी जवाब में ट्वीट किया, ‘ सुनो योगी, आप तो रहने ही दो. जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रही थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके मैगजीन में अपनी झूठी वाहवाही के विज्ञापन दे रहे थे। आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा।’
सुनो योगी,
आप तो रहने ही दो। जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके Times मैगज़ीन में अपनी झूठी वाह वाही के विज्ञापन दे रहे थे। आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा। https://t.co/qxcs2w60lG
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 7, 2022
चुनाव के दौरान सियासी पार्टियों में एक दूसरे पर तंज कसना बेहद आम बात है लेकिन ट्विटर पर लोग दोनों इसलिए आलोचनाएं कर रहे हैं क्योंकि दोनों ने ही अपने पद की गरिमा भूल गए शब्दों की सारी मर्यादा अपने विचार रखे हैं। सोशल मीडिया के लोगों का कहना है कि चाहे कारण कोई भी हो कितनी भी सियासी जंग लेकिन क्या देश के दो बड़े राज्यों का ऐसी भाषा इस्तेमाल करना शोभा देता है।
सुनो आदित्यनाथ।
क्या तुमको नही लगता की तुम्हारी भाषा मुख्यमंत्री के बजाय चौराहा छाप नेता की है? https://t.co/ZcdmoNxvlk— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) February 7, 2022
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी यूपी के सीएम योगी की भाषा पर सवाल खड़े किए। संजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, “ सुनो आदित्यनाथ, क्या तुमको नहीं लगता कि तुम्हारी भाषा मुख्यमंत्री की बजाय चौराहा छाप नेता की है?
दोनो ही सीएम की भाषा की आलोचना करते हुए फिल्म मेकर विनोद कापड़ी ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि “दो मुख्यमंत्रियों का राजनैतिक विमर्श इस स्तर तक पहुँच गया है। वजह है – संसद के पटल पर मोदी द्वारा प्रधानमंत्री पद की गरिमा गिरा कर लगातार झूठ बोलना।”
दो मुख्यमंत्रियों का राजनैतिक विमर्श इस स्तर तक पहुँच गया है।
वजह है – संसद के पटल पर मोदी द्वारा प्रधानमंत्री पद की गरिमा गिरा कर लगातार झूठ बोलना। https://t.co/ZBuW1l6E4x
— Vinod Kapri (@vinodkapri) February 7, 2022
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के संसद में दिए बयान पर निशाना साधा था। केजरीवाल ने पीएम के उस बयान को झूठा ठहराया था जिसमें उन्होंने कहा था कि, दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों से दिल्ली छोड़कर जाने के लिए कहा था। बस इसी को लेकर यूपी और दिल्ली के मुख्यमंत्री में ट्विटर वॉर हो गई।
सुनो योगी-केजरीवाल,
तुम दोनों ये नूरा कुश्ती करके देश को बेवकूफ न बनाओ।
सच तो ये है कि जनता की दोनों को कोई फिक्र नहीं।
दोनों ही नागपुर वालों के "Arvind Now" और "Yogi Now" हो। https://t.co/bTcrkvcfFA
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) February 7, 2022
दोनो ही मुख्यमंत्रियो की इस गरम बहस में छत्तीसगढ़ भी अपने हाथ सेंकने में पीछे नहीं रहा । छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “ सुनो योगी-केजरीवाल, तुम दोनों ये नूरा कुश्ती करके देश को बेवकूफ न बनाओ। सच तो ये है कि जनता की दोनों को कोई फिक्र नहीं. दोनों की नागपुर वालों के “ Arvind Now” और “ Yogi Now” हो।