उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारे में कल काफी हलचल देखने को मिली। भाजपा के कई कद्दावर नेताओं ने कमल का साथ छोड़ दिया। अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांचों विधायक साइकिल की सवारी कर सकते हैं ।
बता दें कि कल भाजपा में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति, बिल्हौर से विधायक भगवती सागर, बिधुना से विधायक विनय शाक्य और तिलहर से विधायक रोशनलाल वर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया।
स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी की राजनीति में ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। पांच बार के विधायक रहे मौर्य ने मायावती की बसपा छोड़ने के बाद 2017 में बीजेपी ज्वाइन की थी। मौर्य ने अपने लिखे पत्र में कहा – “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है। लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैया के कारण यूपी कैबिनेट से इस्तीफा देता हूं”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्वामी समेत 45 अन्य नेताओं की टिकट बीजेपी काटने वाली है । जिससे नाराज होकर स्वामी मौर्य ने पहले ही इस्तीफा दे दिया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 2 माह पहले मौर्य ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से योगी आदित्यनाथ को लेकर शिकायत की थी । लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। जिससे नाराज होकर स्वामी मौर्य ने यह फैसला किया। स्वामी मौर्य 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ओबीसी वोट दिलाया था। लेकिन अब उनके जाते ही भाजपा के खेमे में हलचल मच गई है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर स्वामी मौर्य के स्वागत किया।
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की मानें तो बीजेपी के 13 और विधायक भाजपा छोड़ सकते हैं। भाजपा के आला अधिकारियों ने स्वतंत्र देव सिंह केपी मौर्य को नाराज नेताओं को मनाने को कहा है। हालांकि यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि स्वामी मौर्य के पार्टी छोड़ने में किसे नुकसान हुआ और किसे फायदा।
Source: NDTV