
कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिजाब पहनने वाली छात्राओं को स्कूल में प्रवेश करने से पहले हिजाब हटाने के लिए कहा गया है। इस मामले में शिक्षकों को भी नहीं बख्शा गया, बुर्का पहनकर स्कूलों में आए कई शिक्षकों को स्कूल के गेट के बाहर इसे हटाना पड़ा।
मांड्या में रोटरी एजुकेशनल सोसाइटी स्कूल के छात्रों को कक्षाओं में भाग लेने से पहले स्कूल के गेट पर रोक दिया गया। उन्हें स्कूल अधिकारियों द्वारा हिजाब हटाने के लिए कहा गया। निराश छात्रों और उनके माता-पिता के पास उस आदेश का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, जो एक महीने पहले कहीं नहीं था।
यहां तक कि शिक्षकों और अन्य स्टाफ सदस्यों को भी स्कूल परिसर में प्रवेश करने से पहले हिजाब और बुर्का हटाने के लिए गेट के बाहर रोक दिया गया था। कर्नाटक के आसपास के कई जिलों में भी ऐसी ही घटनाएं हुई हैं।
Students of Rotary educational society school Mandya remove hijab when they were asked to, to attend classes. Most schools have enforced the ban on religious clothing earlier ordered by the Karnataka HC. @TheQuint pic.twitter.com/SBgScpCZox
— Nikhila Henry (@NikhilaHenry) February 14, 2022
Even teachers & other staff being asked to remove #Hijab before entering campus at a school in Mandya. Instructions have been given to most schools in the district to follow this norm. pic.twitter.com/B6FC84quBn
— Deepak Bopanna (@dpkBopanna) February 14, 2022
इस बीच शिवमोग्गा गवर्नमेंट स्कूल के 13 छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और घर वापस जाने का फैसला किया। क्योंकि उन्हें हिजाब पहनकर परिसर में प्रवेश से मना कर दिया गया था, जबकि आज 10 वीं कक्षा की प्री-बोर्ड परीक्षाएं हो रही हैं।
कोडागु के नेल्ली हुडिकेरी में एक पब्लिक स्कूल के लगभग 30 छात्र प्रबंधन द्वारा हिजाब के साथ प्रवेश से इनकार करने के बाद घर वापस चले गए। कुछ लड़कियां जो हिजाब हटाना चाहती थीं, सिर्फ उन्हें ही कक्षाओं में जाने की अनुमति दी गई।
एक अन्य घटना में, कलबुर्गी के एक उर्दू सरकारी स्कूल में छात्रों को स्कूल अधिकारियों द्वारा हिजाब हटाने के लिए कहा गया तब वे कक्षाओं में शामिल हुए। जिला प्रशासन के अधिकारी स्कूल पहुंचे और रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा।
कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा ने पहले दिन के सत्र में हिजाब पहन रखा था। मुस्लिम छात्रों द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के विरोध में भाग लेते हुए, उन्होंने कहा था कि वह हिजाब में विधानसभा सत्र में भाग लेंगी और सत्ताधारी पार्टी को उन्हें रोकने की चुनौती दी थी। इस बीच भाजपा एमएलसी डीएस अरुण हिजाब का मुकाबला करने के लिए भगवा शॉल पहनकर परिषद में शामिल हुए।
13 students from Shivamogga govt school boycott classes/exams & decide to go back home after they were refused entry into campus wearing #Hijab . 10th std pre board exams going on today #Hijabrow #KarnatakaHijabRow pic.twitter.com/NmLcIRETTh
— Deepak Bopanna (@dpkBopanna) February 14, 2022
At govt urdu school in #Kalaburgi #Karnataka students had come wearing #HijabControversy.After it was brought to the notice of education dept.They were asked to remove #HijabBan (1/2) #KarnatakaHijabRow pic.twitter.com/Cqz1HPpQTu
— Imran Khan (@KeypadGuerilla) February 14, 2022
आज की घटना की खबरों के बाद सोशल मीडिया पर कोहराम मच गया, कई लोगों ने इसे मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं का अपमान और अमानवीय बताते हुए सार्वजनिक रूप से महिला छात्रों और शिक्षकों को हटाने की कार्रवाई की निंदा की।
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा, “यह एक समुदाय को अपमानित कर रहा है, जब मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया जाता है तो ऐसा होता है, मेरी गरिमा कहां है? क्या यह हमें जेड श्रेणी के नागरिक बनाने का प्रयास नहीं है। सत्ता शाश्वत नहीं है भाजपा को याद रखना चाहिए
“तुम जमीं पे ज़ुल्म लिख दो, आसमान पर इंकलाब लिखा जाएगा”
This is humiliating a community,this is what happens when Fundamental Rights are suspended,where is my https://t.co/Mr8PkaUJi7 this not an attempt to make us Z Category citizens
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 14, 2022
Power is not eternal BJP must remember
Tum zameen pe zulm likh do⁰Aasmaan pe inquilab likha jayega https://t.co/Iv4Z3BoDpm
अशोक स्वैन ने लिखा “यह भारत में स्कूल की वर्दी के बारे में नहीं है। यह भारत के मुसलमानों को उनके बचपन से सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और उन्हें हर तरह से दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने के लिए है।”
This not about school uniform in India. It is just to publicly humiliate India’s Muslims from their childhood and make them every way second-class citizens. pic.twitter.com/QWofFs4XbQ
— Ashok Swain (@ashoswai) February 14, 2022
द न्यूज मिनट की डिप्टी संपादक पूजा प्रसन्ना ने लिखा, “हम खुद को एक सभ्य समाज कहते हैं और हम युवा लड़कियों और महिलाओं को अपने हिजाब और बुर्का को स्कूलों के बाहर, सड़कों पर उतार रहे हैं।”
We call ourselves a civilised society and we are making young girls and women remove their #hijabs and burqa outside gates of schools, on roads.
— Pooja Prasanna (@PoojaPrasanna4) February 14, 2022
पिछले हफ्ते की घटना में हिजाब पहने छात्रों और भगवा शॉल और टोपी पहने छात्रों के बीच एक गतिरोध देखा गया, जो हिजाब का विरोध कर रहे थे, जो वैश्विक चर्चा बन गई, विशेष रूप से हिजाब पहने छात्र मुस्कान, जिसे मांड्या में पीईएस कॉलेज परिसर के अंदर छात्रों के एक समूह द्वारा आक्रामक रूप से घेर लिया गया था।
इससे पहले भाजपा विधायक रघुपति दास और अन्य द्वारा आयोजित एक शांति बैठक में, यह निर्णय लिया गया था कि उडुपी में उन स्कूलों / कॉलेजों के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति दी जाएगी जो एक ख़ास वर्दी को अनिवार्य नहीं करते हैं या पहले से ही हिजाब पहनने की अनुमति छात्रों को देते रहें हैं।