
गुजरात के अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल बम धमाकों के 49 दोषियों को आज 13 साल बाद उनको की सजा सुनाई गई है।आखिरकार 13 साल के लंबे इंतजार के बाद उन 56 मृतकों के परिवारों को न्याय मिला है। अदालत ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने 11 अन्य दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इन लोगों को पहले ही दोषी करार दे दिया था और आज इन लोगों की सजा का ऐलान होना था।
26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए 21 सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया था।एक घंटे के अंतर में हुए इन 21 ब्लास्टस मैं मैं 56 लोगों ने अपनी जिंदगी गवा दी थी और 200 लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे। अहमदाबाद पुलिस ने तुरंत ही प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें लगभग 78 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी जिसमें से कोर्ट ने 48 लोगों को कसूरवार पाया था और 28 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।
70 मिनट में 21 बम ब्लास्ट की आतंकवादी घटना में अहमदाबाद में सिलसिलेवार धमाकों के कुछ दिन बाद पुलिस ने सूरत के विभिन्न इलाकों से कई बम बरामद किए थे। इसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 एफआईआर दर्ज की गई थीं। अदालत की ओर से सभी 35 एफआईआर को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर 2009 में 78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की शुरुआत हुई थी। इनमें से एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया था। इस मामले में बाद में चार और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनका मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 1100 गवाहों का परीक्षण किया।
13 साल से अधिक पुराने इस मामले में अदालत ने पिछले साल सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही पूरी कर ली थी। पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोगों ने साल 2002 में गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग मारे गए थे।