उत्तरप्रदेश: बुलंदशहर का चर्चित सुबोध हत्या कांड एक बार फिर सुर्ख़ियों में है क्यों कि आरोपी योगेश राज की ज़मानत पर ‘सुप्रीम कोर्ट’ ने रोक लगा दी है, इससे पहले इसी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट आरोपी योगेश को ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया था लेकिन इस फैसले के विरोध में मृत SHO सुबोध सिंह की पत्नी सुप्रीम कोर्ट पहुँच गयी और इनकी याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश ने आदेश में कहा कि आरोपी योगेश को सात दिन के भीतर निचली अदालत में ख़ुद को सरेंडर करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट में याजिकाकर्ता रजनी सिंह की ओर से कहा गया कि मामला काफी गंभीर है , जहाँ गौहत्या के बहाने पुलिस -अधिकारी की पीट- पीट कर हत्या कर दी जाती है , प्रथम दृष्टया
यह उन लोगों का मामला है जो क़ानून को अपने हाथ में ले रहे थे , इस दलील पर कोर्ट ने कहा है हमारा भी यही विचार है कि आरोपी योगेश राज को आज से सात दिन के भीतर आत्मसमर्पण करना चाहिए और इस प्रकार उस सीमा तक ज़मानत देने वाले आदेश पर रोक लगाई जाती है .
सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर की ट्रायल कोर्ट से भी तीखे सवाल पूछे कि ‘आपको इस मामले में आरोप तय और स्वतंत्र गवाहों की गवाही को रिकॉर्ड करने में कितना वक़्त लगेगा ?
सुप्रीम कोर्ट इसी मामले की अगली सुनवाई तीन हफ़्ते बाद करेगा.
कैसे हुई थी SHO सुबोध सिंह की हत्या:
3 दिसंबर, 2018 को, बुलंदशहर के एसएचओ सुबोध सिंह पर हमला किया गया. महाव गांव के एक खेत में कथित गाय का शव पाए जाने पर पुलिस चौकी पर दक्षिणपंथी लोगों ने हमला किया था. विरोध के बाद भीड़ ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.