अलवर, राजस्थान: अलवर रेप केस मामले को अब सीबीआई अपने तरीके से हैंडल करेगी।सीएम अशोक गहलोत ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर परिजन सीबीआई जांच के लिए कहेंगे तो उनकी सरकार हमेशा तैयार रहेगी।रविवार को बैठक कर सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार को सीबीआई जांच की अनुशंसा भेज दी है। अब इस मामले को सीबीआई जांच करेगी। इससे पहले पुलिस के लगातार बदलते बयान से केस और उलझता जा रहा था।लेकिन अब सीबीआई जांच से यह उम्मीद की जा सकती है जल्द ही इस केस के अपराधी पकड़े जाएंगे।
एक ओर भाजपा शासित रामराज्य वाली उत्तरप्रदेश में हाथरस जैसे रूह कंपाने वाले अपराध होते हैं। एक दलित के साथ 4 सवर्ण बलात्कार करते हैं।किसी चोर के जैसे पुलिस और शासन काम करती है। अंधेरी रात में बिना परिजनों को बताए रेप पीड़िता को जला दिया जाता है।पीड़िता के परिजनों को इतना हक भी नहीं मिलता कि वो अंतिम बार अपनी बच्ची को देख सके। उन्हें उनके ही घर में गिरफ्तार करके रखा जाता है। पत्रकारों को मिलने से रोका जाता है, उन्हें गिरफ्तार कर उनपर ही देशद्रोह का आरोप लगा कर उन्हें जेल में कैद कर दिया जाता है।
वहीं दूसरी ओर राजस्थान की कांग्रेस पार्टी ने पीड़िता को उचित मेडिकल सुविधा मुहैया कराई और साथ ही उनके परिजनों के साथ खड़ी रही।ना तो किसी मीडिया को रोका गया,ना विपक्ष को जबरदस्ती एक कमरे में बंद किया गया,ना किसी पर एनएसए लगा और न ही सिद्दिकी कप्पण जैसे पत्रकारों का गिरफ्तार किया गया।
उन्नाव रेप केस को भी कोई नहीं भूल सकता कि योगी सरकार के पूर्व विधायक ने रेप पीड़िता के पिता को जान से मरवा दिया।
राजस्थान सीएम ने सामने से सीबीआई जांच कराने को कहा। लेकिन कभी भी भाजपा ने सामने से सीबीआई जांच को नहीं कहा।लाखों ट्वीट किए जाते हैं, धरना प्रदर्शन भी होता है लेकिन फिर भी भाजपा सरकार अपने घमंड में रहती है। काफी दबाव में आने के बाद ही सीबीआई जांच के आदेश देती हैं।
बता दें कि 11 जनवरी को एक नाबालिग 16 साल की मूक-बधिर लड़की के साथ कुछ दरिंदों ने रेप कर के ओवरब्रिज पर फेंक दिया था।जिसके बाद पुलिस ने खून से लथपथ मानसिक रूप से कमजोर बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया।पुलिस की तरफ से पहले रेप की बात कही गई थी।लेकिन फिर मेडिकल रिपोर्ट को आधार बनाकर पुलिस ने रेप होने से इंकार कर दिया था।जिसके बाद से ही मीडिया और विपक्ष दोनों सरकार पर हावी होने लगे थे।