आज से देश के 5 राज्यों में चुनाव शुरू है वहीं बीते रोज़ लोकसभा में एक बेहद गंभीर और चिंताजनक डाटा के जानकारी दी है ।
सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी कि 2018 से 2020 के बीच देश के अलग अलग राज्यों हिस्सों में 17,000 से अधिक किसानों ने खुदकुशी की। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दुर्घटनाओं में मृत्यु और आत्महत्या के मामलों के आंकड़े संकलित करता है और वार्षिक रूप से इन्हें ‘भारत में दुर्घटनाओं में मृत्यु और आत्महत्याएं’ (एडीएसआई) रिपोर्ट के रूप में आप्रकाशित भी करता है।
केंद्रीय गृह और राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दुर्घटनाओं में मृत्यु और आत्महत्या के मामलों के आंकड़े संकलित करता है और वार्षिक रूप से इन्हें ‘भारत में दुर्घटनाओं में मृत्यु और आत्महत्याएं’ (ADSI) रिपोर्ट के रूप में प्रकाशित भी करता है।
अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि ADSI रिपोर्ट के अनुसार 2018 में 5,763 किसानों ने, 2019 में 5,957 किसानों ने और 2020 में 5,579 किसानों ने खुदकुशी की।
वहीं इसके साथ ही सदन में कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर ध्यान नहीं दिया गया तथा इस सरकार की नीतियों को लेकर उन्हें संदेह है।
बजट पर सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना के धैर्यशील माने ने कहा, ‘हमें सरकार की नीयत पर संदेह नहीं है, लेकिन नीतियों को लेकर संदेह जरूर है।’
शिवसेना सांसद ने सदन के माध्यम से सरकार को कहा कि वह किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करे, जिसकी मांग का उल्लेख पेश हुए बजट में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से इस बात का भी आग्रह किया कि वह एमएसपी पर जल्द से जल्द फैसला ले।