बॉलीवुड से एक और दुखद खबर सामने आ रही है। लता मंगेशकर के बाद अब सुप्रसिद्ध टीवी सीरियल महाभारत में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती का दिल्ली में निधन हो गया है। प्रवीण 74 साल की उम्र में अंतिम सांस लेते हुए इस दुनिया से हमेशा के लिए विदा हो गएँ हैं । वो लंबे समय से बीमारी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। प्रवीण कुमार अपनी भीमकाय कदकाठी के लिए जाने जाते थे। उनका अंतिम संस्कार आज पंजाबी बाग श्मशान घाट पर किया जाएगा।
उन्होंने बॉलीवुड कई चर्चित फिल्मों में अभिनय किया था। साढ़े 6 फीट के प्रवीण कुमार 1960 और 1970 में स्टार इंडियन एथलीट रहे। अपनी लंबाई के कारण वे सालों तक हैमर थ्रो और डिस्कस थ्रो के खिलाड़ी रहे। 1966 और 1970 में बैंकॉक में हुए एशियन गेम्स में प्रवीण ने डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था। 1966 में ही हैमर थ्रो में प्रवीण को ब्रॉन्ज मेडल मिला। 1974 में तेहरान में हुए एशियन गेम्स में भी प्रवीण ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता।
पिछले साल दिसंबर में उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह काफी समय से घर में ही हैं। तबीयत ठीक नहीं रहती है और खाने में भी कई तरह के परहेज हैं। स्पाइनल प्रॉब्लम है। घर में पत्नी वीना, प्रवीण कुमार की देखभाल करती थीं।
‘महाभारत’ में उनके सहकलाकार रहे गजेंद्र चौहान ने प्रवीण कुमार के निधन पर शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘आज सुबह ही एक और दुःखद समाचार मिला। मेरा महाभारत का भाई प्रवीण कुमार जी हम सबको छोड़कर अनंत यात्रा पर चला गया। विश्वास नही हो रहा। पा जी, आप हमेशा हमारी यादों में रहेंगे। ओम शांति ओम शांति ओम शांति।’
आज सुबह ही एक और दुःखद समाचार मिला। मेरा महाभारत का भाई प्रवीण कुमार जी हम सबको छोड़कर अनंत यात्रा पे चला गया। विश्वास नही हो रहा। पा जी, आप हमेशा हमारी यादों में रहेंगे।
ओम शांति ओम शांति ओम शांति pic.twitter.com/djLHTSXUTt— Gajendra Chauhan (@Gajjusay) February 8, 2022
एक्टिंग में आने से पहले प्रवीण एक हैमर और डिस्कस थ्रो एथलीट थे। वह एशियाई खेलों में चार मेडल (2 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य) जीत चुके थे। इतना ही नहीं प्रवीण कुमार दो बार ओलंपिक में भी भारता का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। स्पोर्ट्स में शानदार प्रदर्शन के कारण प्रवीण कुमार को BSF में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी मिली गई थी और इसके जरिए भी उन्होंने देश की सेवा की थी।