राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले मामलें में दोषी करार दिए गया है। बहुचर्चित चारा घोटाला में झारखंड के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी पर फैसला आया है। रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने आज इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है।
अदालत के फैसले के कुछ देर बाद लालू यादव को रांची स्थित होटवार जेल भेज दिया गया है। अगर लालू को तीन साल से अधिक की सजा होती है तो फिर जमानत नहीं मिल पाएगी। लेकिन अगर सजा तीन साल से कम की होती है तो जमानत की संभावना बन जाएगी।
इस मामले में 36 लोगों को 3-3 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। जबकि, लालू प्रसाद यादव को लेकर सजा का एलान 21 फरवरी को होगा। उस दिन सीबीआई की विशेष अदालत तय करेगी कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को कितने साल की जेल होगी।
बता दें कि बहुचर्चित चारा घोटाला मामले से जुड़े पांच में से चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया जा चुका है। चारा घोटाले के चार मामलों- देवगढ़, चाईबासा, रांची के डोरंडा कोषागार और दुमका मामले में लालू प्रसाद को जमानत दे दी गई थी।
क्या है डोरंडा घोटाला?
डोरंडा घोटाला मामला 1990-92 के बीच का है। अवैध निकासी कर बताया गया कि 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया। यानी घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले। सीबीआई ने जांच में पाया कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था। इस फर्जीवाड़े में अफसरों और नेताओं ने घोटाले की नई इबादत ही लिख दी।
जांच में सामने आया कि 1990-92 के दौरान 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदे गए थे। वहीं क्रॉसब्रिड की बछिया और भैंस की खरीद का करीब 84 लाख का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के प्रोपराइटर विजय मल्लिक ने की थी। घोटाले में हिंदुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी के आपूर्तिकर्ता संदीप मल्लिक पर भी भेड़ और बकरी के लिए 27 लाख 48 हजार रुपए भुगतान करने का आरोप है।