जैसे कल नरेंद्र मोदी अपने इंटरव्यू के दौरान लखीमपुर खीरी के सवाल पर बड़ी आसानी से बच निकले आज उसी तरह लखीमपुर खीरी के मामले का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा भी बड़ी आसानी से जमानत पर बाहर आ गया है।
हैरानी वाली बात यह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी केंद्रीय राज्य मंत्री (गृह) अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत उसी दिन दी है, जिस दिन राज्य में पहले चरण का मतदान शुरू हुआ है । यह एक संयोग तो नहीं हो सकता, देखने में तो यही लगता है कि मानो शीशमिश्रा की बेल के लिए भारतीय जनता पार्टी 10 फरवरी का ही इंतजार कर रही थी , ताकि एक तरफ आशीष मिश्रा को जेल से बेल भी मिल जाए और आरटीके वोटर बैंक पर भी कोई असर ना पड़े।
देश को झकझोर देने वाली इस घटना में केंद्रीय मंत्री के एक सहित कारों के काफिले के पहियों के नीचे चार किसानों की कुचलकर मौत हो गई। काफिला उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक कार्यक्रम के लिए तेनी के पैतृक स्थान की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह पर चढ़ गया था। ऐसे अपराध के बावजूद आशीष मिश्रा को बड़ी ही आसानी से बेल मिल गई वह इसलिए क्योंकि वह केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे है।
आज बेल मिलने से आशंका जताई जा रही है कि शायद उनको बेल देने के लिए आज के दिन क्या ही इंतजार किया जा रहा था । ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि जितने भी मतदाताओं को वोट देने थे वह अपना मत दे चुके हैं तो अब कोर्ट के इस फैसले का असर भारतीय जनता पार्टी के वोटों की संख्या पर नहीं पड़ेगा। अब जब वोट पड़ चुके हैं तो सरकार को किसी बात का डर नहीं है, इसीलिए शायद उन्होंने आशीष मिश्रा को इतनी आसानी से बेल दिलवा दी है।
आपको बता दें कि आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसमें निरस्त किए गए कृषि कानूनों के विरोध में कम से कम 4 किसान और एक पत्रकार की मौत हो गई थीं। 3 अक्टूबर को हुई इस घटना में एसआईटी द्वारा दायर आरोपपत्र में आशीष को मुख्य आरोपी घोषित किया गया था।पिछले साल तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी के एक बयान से नाराज किसान टेनी के गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे, उसी दौरान तिकोनिया गांव में हुई हिंसा में चार सिख किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी।
मृतक किसानों में जिले के धौरहरा के नछत्तर सिंह और पलिया निवासी लवप्रीत सिंह भी शामिल थे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक तेज रफ्तार जीप को किसानों को रौंदते हुए देखा गया था। इस मामले में टेनी के बेटे आशीष को मुख्य अभियुक्त के तौर पर गिरफ्तार किया गया है। घटना को लेकर खास तौर पर सिख समुदाय में खासी नाराजगी है।
तिकोनिया गांव निघासन विधानसभा क्षेत्र में आता है निघासन क्षेत्र में करीब 15000 सिख मतदाता हैं। वैसे, यह मुस्लिम बहुल सीट है। यहां लगभग 80000 मुस्लिम मतदाता हैं। इसके अलावा करीब 28000 मौर्य तथा लगभग 22000 कुर्मी वोटर हैं। वरना निघासन सीट से भाजपा के टिकट पर टेनी के बेटे आशीष चुनाव लड़ने वाले थे और वह जीत भी जाते। लेकिन तिकोनिया कांड में गिरफ्तारी के बाद आशीष के राजनीतिक कैरियर पर फिलहाल ग्रहण लग गया है।