पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीएम के बड़े नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मंगलवार को पद्म भूषण लेने से मना कर दिया। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। इस बार 17 हस्तियों को पद्मभूषण देने का ऐलान किया गया। जिनमें बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य को भी सम्मान दिया जाना था। लेकिन बुद्धदेव भट्टाचार्य का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने पुरस्कार लेने से मना करते हुए कहा- “किसी ने उन्हें कुछ भी नहीं कहा है।अगर मुझे पुरस्कार दिया गया है तो मैं इसे स्वीकार करने से इनकार करता हूं।”
बता दें कि पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य 2000 से 2011 तक सीएम बने रहे।उन्हें सार्वजनिक मामलों के क्षेत्रों में यह पुरस्कार दिया गया था।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि सीपीएम के बड़े नेता ने पुरस्कार लेने से मना किया हो। इससे पहले भी पश्चिम बंगाल के कई बड़े नेताओं ने पुरस्कार लेने से मना किया है।
साल 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु को भारत रत्न देने की मांग उठी थी। लेकिन सीपीएम ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि पुरस्कार लेना उनकी पार्टी की नीति नहीं है। उनकी पार्टी बस जनता की सेवा करना चाहती है।
तब के रेलमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी ज्योति बसु को भारत रत्न देने की मांग की थी। पूर्व सीएम ज्योति बसु के नाम सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड है। पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु 1977 से 2000 तक सीएम पद पर बने रहे।
इंडिया टुडे के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के समय सीपीएम के पूर्व जनरल सेक्रेटरी और स्वतंत्रता सेनानी ईएमएस नंबूदिरीपाद को भी पद्म विभूषण दिया जाना था। लेकिन पार्टी ने यह कहते हुए मना कर दिया था कि सीपीएम पार्टी कभी अवार्ड के लिए काम नहीं करती है। उनकी पार्टी में ऐसी प्रथा नहीं है।
इनके अलावा सुप्रसिद्ध गायिका संध्या मुखोपाध्याय और तबला वादक अनिंदो चट्टोपाध्याय ने भी पद्म श्री पुरस्कार लेने से मना कर दिया। 90 वर्षीय सुप्रसिद्ध गायिका संध्या मुखोपाध्याय का कहना है कि यह उनके लिए काफी अपमानजनक है इसीलिए वो अवार्ड नहीं ले सकती हैं।
उनके परिवार ने कहा “यह बंगाल की सबसे सीनियर गायिका हैं।12 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था। ये कभी अवार्ड के पीछे नहीं भागी हैं। 90 वर्ष की उम्र में पद्म श्री मिलना उनका अपमान है। इस उम्र में तबीयत भी ठीक नहीं रहती है, इसलिए वो दिल्ली जाके अवार्ड नहीं ले सकती हैं।”
वहीं तबला वादक अनिंदो चट्टोपाध्याय ने भी पद्मश्री मिलने को अपना अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि उनके सारे जूनियर्स को काफी पहले ही पद्मश्री मिल चुका है। इस उम्र में उन्हें पद्मश्री मिलना उनका अपमान है, साथ ही सरकार से उन्होंने सवाल भी किया कि उन्हें इस तरह से अपमानित क्यों किया जा रहा है?