नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट की सत्र अदालत ने बीते शनिवार को ‘बुली बाई’ ऐप मामले में आरोपी विशाल सुधीर कुमार झा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि आवेदक के खिलाफ आरोप गंभीर हैं क्योंकि यह एक विशेष समुदाय की महिलाओं की गरिमा और शील पर सीधा हमला है।
विशाल झा को इस मामले में चार जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उसे पर और दो अन्य पर आईपीसी की धारा 154 (ए), 153 (बी), 295 (ए), 509, 500 और 354 (डी) और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है।मूल रूप से बिहार के पटना के रहने वाले, झा का दावा है कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है , उसे इस ऐप के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है ।
झा के खिलाफ मुंबई पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज की है. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद झा ने जमानत के लिए मुंबई की एक सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
संबंधित हैंडल और बुल्ली बाई के डेवलपर के खिलाफ धारा 153A (धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना आदि), 153B (राष्ट्रीय-एकता के लिए हानिकारक आरोप), 295A (धार्मिक विश्वासों का अपमान), 354D (पीछा करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) भारतीय दंड संहिता की 509 (शब्द, हावभाव या किसी महिला के शील का अपमान करने का इरादा), 500 (आपराधिक मानहानि) और धारा 67।
यह मामला तब सामने आया जब गिटहब द्वारा होस्ट किए गए ऐप पर महिलाओं की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें नीलामी के लिए लगाया गया था।महिलाओं में प्रमुख पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वकील शामिल थे।