बुल्ली बाई ऐप के मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई के बारे में पुलिस ने कई चीजें बताई हैं। पुलिस के मुताबिक 21 साल का नीरज ऑनलाइन ट्रोलिंग करने वाले समूह का प्रतिनिधित्व करता था। यह लोग बिना पैसे के किसी इंफ्लूएंसर की तरह काम करते हैं। यह किसी के भी घर के बच्चे हो सकते हैं।
द हिंदू न्यूज रिपोर्ट के अनुसार मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई के पिता का कहना है कि नीरज बहुत इंट्रोवर्ट किस्म का लड़का है। बहुत कम ही किसी से बात करता था। दिन भर अपने लैपटॉप में न्यूज़ देखता रहता था।
नीरज के पिता दशरथ बिश्नोई कांग्रेस समर्थक हैं, और दादा कम्युनिस्ट नेताओं के लिए प्रचार करते थे।
द हिंदू से बातचीत के दौरान नीरज की बहन ने बताया – “नीरज ने वह ऐप मुस्लिम महिलाओं के लिए नहीं बनाई थी।यह ऐप उन लोगों के लिए थी जो हिंदू धर्म या फिर राम मंदिर के खिलाफ पोस्ट करते थे। उसने ऐप ही ऐसी बनाई कि जो कोई भी राम मंदिर के खिलाफ बोलता था उसका नाम खुद ब खुद ‘बुल्ली बाई ऑफ द डे’ के नाम से नोटिफिकेशन आ जाता था। इस ऐप पर कहीं भी मुस्लिम महिलाओं की नीलामी नहीं की गई है।”
हालांकि पुलिस ने आरोपी नीरज बिश्नोई की बहन की थ्योरी को सिरे से खारिज कर दिया है। पुलिस ने कहा कि नीरज ने ऐप की कोडिंग ही ऐसी की थी कि कुछ ख़ास 102 मुस्लिम महिलाओं का नाम ही नोटिफिकेशन में आएगा।
परिवार के मुताबिक राजस्थान में बसे उनके गांव के लोग उनके बारे में तरह-तरह की अफवाह फैला रहे हैं। गांव वाले मानते हैं कि नीरज लड़कियों की खरीद-फरोख्त करता था। वह लड़कियों को दो लाख में खरीद कर चार लाख में बेच देता था।
आरोपी के पिता दशरथ बिश्नोई ने कहा – “उनका बेटा बहुत संवेदनशील किस्म का था। दिनभर लैपटॉप में नेताओं और न्यूज़ चैनल पर एंकरों को सुनते रहता था। नेताओं और एंकरों को जिम्मेदारी से बोलना चाहिए। उन्हें नहीं पता कि कब और कैसे कोई भी इनकी बातों में आ जाता है।”